baobab tree

Image
 एडानसोनिया मध्यम से बड़े पर्णपाती पेड़ों की आठ प्रजातियों से बना एक जीनस है जिसे बाओबाब के रूप में जाना जाता है जिसे पहले बॉम्बेकेसी परिवार के भीतर वर्गीकृत किया गया था, अब उन्हें मालवेसी में रखा गया है।  वे मेडागास्कर, मुख्य भूमि अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के मूल निवासी हैं।  पेड़ों को एशिया जैसे अन्य क्षेत्रों में भी पेश किया गया है। सामान्य नाम फ्रांसीसी प्रकृतिवादी और खोजकर्ता मिशेल एडनसन का सम्मान करता है जिन्होंने एडानसोनिया डिजिटाटा का वर्णन किया था।  बाओबाब को "उल्टा पेड़" के रूप में भी जाना जाता है, एक ऐसा नाम जिसकी उत्पत्ति कई मिथकों से हुई है। वे सबसे लंबे समय तक जीवित रहने वाले संवहनी पौधों में से हैं और इनमें बड़े फूल होते हैं जो अधिकतम 15 घंटे तक प्रजनन करते हैं। फूल शाम के आसपास खुलते हैं;  इतनी जल्दी खुलती है कि नग्न आंखों से आंदोलन का पता लगाया जा सकता है और अगली सुबह तक फीका पड़ जाता है। फल बड़े, अंडाकार से गोल और बेरी जैसे होते हैं और गुर्दे के आकार के बीजों को एक सूखे, गूदेदार मैट्रिक्स में रखते हैं।                                             वैज्ञानिक वर्गी

गाजर क्या है? गाजर के फायदे, गाजर खाने के नुकसान

 गाजर क्या है? 


 गाजर की केवल सब्जी ही नहीं, इससे हलवा, अचार, मुरब्बा, पाक आदि अनेक व्यंजन भी बनाए जाते हैं। गाजर वन्यज और कृषिजन्य दो प्रकार की होती है। रंग भेद से भी यह लाल, पीली, काली आदि अनेक तरह की होती है।


 प्रकृति से गाजर तीखी, मधुर, कड़वी होती है। गाजर खून में पित्त और वात कम करने में, बवासीर, दस्त और कफ से राहत दिलाने में मदद करती  है।


 राजनिघंटु के मतानुसार गाजर मधुर, रुचि बढ़ाने वाली, पेट फूलने या एसिडिटी दूर करने वाली, कृमि निकालने में, जलन-दर्द से पित्त और प्यास से राहत दिलाने वाली होती है।



गाजर का परिचय


 लाल ताजा गाजर को देखकर सबसे पहले हलवे की याद आती है। गाजर का जूस हो या हलवा हर रुप में वह स्वास्थ्य के लिए हितकर होता है। आयुर्वेद में गाजर को कई बीमारियों के लिए इलाज के तौर पर प्रयोग किया जाता है। क्योंकि गाजर में फैट न के बराबर होता है लेकिन पौष्टिकता भरपूर मात्रा में होता है, जैसे- सोडयम, पोटाशियम, कार्बोहाइड्रेड, प्रोटीन, विटामिन ए, डी, सी, बी6 आदि होते हैं।



 इन पौष्टिकताओं के कारण गाजर को आधासीसी, कान का दर्द, मुँह का बदबू,पेट दर्द जैसे बीमारियों के लिए गाजर के जड़, फल और बीज का इस्तेमाल औषधि के लिए किया जाता है। चलिये गाजर के बारे में अनजाने तथ्यों के बारे में जानते हैं।

           




अन्य भाषाओं में गाजर के नाम


 Sanskrit-गर्जर;


 Hindi-गाजर;


 Urdu-गाजर (Gazar);


 Kannada-गज्जटी (Gajjati);


 Gujrati-गाजर (Gajar);


 Tamil-गजरकीलंगू (Gajjarakilangu);


 Telugu-गज्जारागेड्डा (Gajjaragedda);


 Bengali-गाजरा (Gajara);


 Nepali-गाजर (Gajar);


 Panjabi-गाजर (Gajar);


 Marathi-गाजरा (Gazara);


 Malayalam-करफ्फू (Karaffu)।


 Arbi-बजरुल (Bazrul), जाजर (Jazar);


 Persian-गाजर (Gazar), जर्दक (Zardak),


 Tukhm-गाजर (Tukhme-gazar)


गाजर के दो वर्ग


 एशियाई और यूरोपियन। गाजर का रंग गुलाबी और बैंगनी होता है। बैंगनी गाजर को जिस समय छीला जाता है, उस समय उसका रंग हाथों पर उतर आता है। बैंगनी रंग की गाजर को ही भारतीय माना जाता है। यह गाजर आकार में छोटी व बड़ी दोनों ही प्रकार की होती है। पीले और गुलाबी रंग की गाजर की क़िस्में विदेशी होती हैं। विदेशी गाजरों का आकार छोटा होता है।

             









गाजर के फायदे


 गाजर के गुण इतने है कि आयुर्वेद में इसको औषधि के रुप में इस्तेमाल किया जाता है। आँखों की रोशनी बढ़ाने के साथ-साथ गाजर हृदय के लिए और दूसरे किन-किन बीमारियों के लिए फायदेमंद है, आगे इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।


1.आँखों को स्वस्थ रखती है गाजर 


 आजकल कंम्यूटर पर काम दिन ब दिन बढ़ता जा रहा है। जिसके कारण आँखों को सबसे ज्यादा समस्याओं का सामना करना पड़ता है। गाजर आँखों को स्वस्थ रखने में मदद करती है।


 250 ग्राम सौंफ को साफ करके कांच के पात्र में रखें, इसमें बादामी रंग की गाजरों के रस दें। सूख जाने के बाद 5 ग्राम रोज रात में दूध के साथ सेवन करने से आँखों की रोशनी बढ़ती है।


2.  कान दर्द करे कम गाजर 


 अगर सर्दी-खांसी या  किसी बीमारी के साइड इफेक्ट के तौर पर कान में दर्द होता है तो गाजर से इस तरह से इलाज करने पर आराम मिलता है। केले की जड़, गाजर, अदरक तथा लहसुन से पकाए हुए जल को गुनगुने गर्म पानी में 1-2 बूंद कान में डालने से कान का दर्द कम होता है।माहवारी में कम ब्लीडिंग में गाजर फायदेमंद


3. हृदय को रखे स्वस्थ गाजर 


 गाजर का इस तरह से सेवन करने से हृदय सेहतमंद रहता है। 5-6 गाजर को अंगारों पर पकाएं या कच्ची ही छीलकर रात भर बाहर ओस में रहने दें। सुबह केवड़ा या गुलाब अर्क तथा मिश्री मिलाकर खाने से हृदय के बीमारी में लाभ होता है। गाजर का हलवा खाने से भी फायदा मिलता है।


4.जलने के कष्ट को करे कम गाजर 


 हाथ के जल जाने पर गाजर का इस्तेमाल ऐसे करने पर जलन और दर्द से जल्दी आराम मिलता है। गाजर को उबालकर, पीसकर जले हुए स्थान पर लेप करने से लाभ होता है तथा नमक डालकर बांधने से पित्त के कारण जो सूजन होती है उससे राहत मिलती है।


गाजर का उपयोगी भाग


 गाजर की जड़, फल एवं बीज का इस्तेमाल औषधि के रुप में किया जाता है।



गाजर का आचार


 अगर आपको अचार और गाजर दोनों ही पसंद हैं तो क्यों ना गाजर का अचार ही बना लिया जाए। गाजर का अचार बनान बेहद आसान है। इसके लिए आपको गाजर, मसालों की जरुरत है। गाजर का अचार बनाने की विधि नीचे से देख सकते हैं।


 गाजर का आचार बनाने की विधी


 सबसे पहले गाजर को छोटे और लंबे आकार में काट लें।


 अब एक पतीले में सारी गाजर डाल लें और अब सही मात्रा मसाले डालें।


 मसालों में नमक, लाल मिर्च, हल्दी, राई, गर्म किया हुआ सरसों का तेल डालें।


 अब सभी को अच्छे से मिक्स कर लें।


 अच्छे से मिक्स होने के बाद इसे कांच के डिब्बे में रख दें।


 दिन में एक- दो बार अचार के डब्बे को हिलाएं और धूप में 30 से 45 मिनट के लिए भी रखें।


 3 से 4 दिन में आपका गाजर का अचार तैयार हो जाएगा।

           




गाजर खाने के नुकसान


  चूँकि गाजर स्वादिष्ट होने के साथ-साथ एक बहुत ही उत्तम स्वास्थ्य-वर्धक आहार भी है और गाजर खाने के फायदे भी कई है। लेकिन इसका यह मतलब नहीं की आप इसका अत्यधिक सेवन कर लें। आपको इसके अधिक सेवन से सावधान रहना है क्योंकि इसका अधिक मात्रा में सेवन करने से आपको इसके कुछ नुकसान का सामना करना पड़ सकता है जो निम्नलिखित है –


  गाजर बीटा-कैरोटीन का एक बहुत ही अच्छा स्रोत होती है जो आपके शरीर में विटामिन ए की कमी की पूर्ति करता है परंतु यदि आप इसका सेवन बहुत ही अधिक मात्रा में करेंगे तो इससे आपके शरीर का रंग फीका पड़ सकता है।अधिक मात्रा में गाजर का सेवन करने से शरीर में बीटा कैरोटीन का मात्रा बढ़ जाती है। बीटा कैरोटीन की मात्रा बढ़ने से त्वचा का रंग पीला या नारंगी हो जाता है।


  Gajar ke Nuksan गाजर खाने के नुकसान में संभवतः आपको गाजर से एलर्जी हो सकती है।


  गाजर में चीनी का स्तर उच्च है, इसलिए यदि आप मधुमेह से ग्रस्त है तो गाजर का सेवन कच्चे रूप में ना करके उबाल कर करें। इस पारकर आप गाजर खाने से होने वाले नुकसान से बच सकते है


  अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से आपको गैस, दस्त, पेट-दर्द आदि पाचन विकारों से जूझना पड़ सकता है।


  अधिक मात्रा में गाजर या फिर उसके जूस का सेवन करने से स्तन के दूध का स्वाद बदल सकता है इसलिए स्तनपान करा रही महिलाओं को गाजर का सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए।


गाजर को प्रदूषित मिट्टी में उगाया जाता है जिससे गाजर की क्वालिटी पर असर हो सकता है।


 डायबिटीज से गजर रह लोगों को गाजर का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह ले क्योंकि गाजर में प्राकृतिक रूप से मीठी होती है।

 


Comments

Popular posts from this blog

magnolia blossom bird , flowers bird

दुनिया के सबसे लंबे नाखून वाली महिला ने आखिरकार उन्हें काट दिया है - लगभग 30 वर्षों के बाद // Woman with world’s longest nails has finally cut them — after almost 30 years

baobab tree